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गर्मी में होने वाली बीमारियां, लक्षण और उनसे बचने के उपाय : डॉ निखिल चौधरी ,वरिष्ठ चिकित्सक,आईजीआईएमएस

गर्मी में होने वाली बीमारियां, लक्षण और उनसे बचने के उपाय : डॉ निखिल चौधरी ,वरिष्ठ चिकित्सक,आईजीआईएमएस

 

देशभर में इस वक्त मई-जून की प्रचंड गर्मी पड़ रही है। खासकर उत्तर भारत में तो झुलसा देने वाली गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। एक तो पहले ही लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। साथ में अब तेज धूप, गर्म हवाओं और तेजी से बढ़ते तापमान ने भी लोगों को घरों में कैद कर दिया है। पारा लगातार 44-45 डिग्री के आसपास बना हुआ है। इतनी भीषण गर्मी की वजह से घरों के अंदर रहने वाले लोगों की तबीयत भी खराब हो रही है। इसी विषय पर डॉ निखिल चौधरी ,वरिष्ठ चिकित्सक ,आईजीआईएमएस ने कहा की

वैसे भी हर मौसम अपने साथ कुछ कॉमन बीमारियां लेकर आता है। सर्दी-जुकाम, खांसी और फ्लू सर्दी के मौसम में और डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां बारिश के मौसम में परेशानी का सबब बनती हैं। ठीक वैसे ही गर्मी के मौसम की भी कुछ कॉमन बीमारियां हैं जिन्हें अगर गंभीरता से न लिया जाए तो कई बार ये जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। आप भले ही कितने भी फिट और हेल्दी क्यों न हों आपको बीमारियों से बचने के लिए जरूरी ऐहतियाती कदम जरूर उठाने चाहिए। हम इस आर्टिकल में आपको गर्मी में होने वाली 8 सबसे कॉमन बीमारियों और उनसे बचने के उपाय के बारे में बता रहे हैं।

लू लगना (हीट स्ट्रोक)


गर्मी में लू लगना सबसे कॉमन समस्या लेकिन यह एक गंभीर स्थिति है और अगर समय रहते इसका इलाज न हो तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। लक्षणों की बात करें तो लू लगने पर शरीर का तापमान 104 डिग्री फैरेनहाइट या इससे अधिक हो जाता है, सांस लेने की गति तेज हो जाती है, दिल की धड़कन बढ़ने लगती है, सिर में दर्द होने लगता है, बेहोशी आने लगती है और उल्टी आने लगती है। 

बचने के उपाय: गर्मी में लू लगने से बचने के लिए ढीले व हल्के कपड़े पहनें, जहां तक संभव हो ठंडी जगहों पर रहें, अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें, दिन के सबसे गर्म समय यानी दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच कड़ी धूप में बाहर निकलने से बचें। अगर बाहर निकलना जरूरी हो तो टोपी और छाते का इस्तेमाल करें और खाली पेट घर से बाहर न निकलें।


धूप से त्वचा का जलना (सनबर्न)


गर्मी के मौसम में जब सूरज की किरणें बेहद तेज हों, ऐसे में बार-बार धूप में बाहर जाने से आपकी त्वचा जल सकती है और इसे ही सनबर्न कहते हैं। अगर आपकी स्किन का रंग गुलाबी या लालिमा भरा हो, छूने पर त्वचा पर गर्माहट महसूस हो, दर्द, असहजता या खुजली होने लगे, त्वचा में सूजन हो, साथ में अगर सिरदर्द, बुखार और थकान भी हो तो सनबर्न गंभीर हो सकता है। सूर्य की हानिकारक यूवी किरणों के संपर्क में देर तक रहने के कारण सनबर्न हो जाता है।

बचने के उपाय: इसके लिए जहां तक संभव हो धूप में कम से कम निकलें, सीधे धूप की जगह छाया वाली जगह में बैठें, धूप से बचने के लिए टोपी, छाता और सनग्लास का इस्तेमाल करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, बाहर निकलते वक्त हाथ, पैर और सिर को ढक कर रखें, स्किन को सनबर्न से बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।


घमौरी (हीट रैश)


गर्मी के मौसम में घमौरियां होना भी त्वचा से संबंधित सामान्य समस्या है जो वयस्कों या बच्चों किसी को भी हो सकती है। जब गर्मी के कारण किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा पसीना निकलता है लेकिन वह पसीना कपड़े की वजह से या फिर किसी और कारण से त्वचा में ही दबा रह जाता है और बाहर नहीं निकल पाता तो स्किन पर छाले या छोटे-छोटे गांठ हो जाते हैं, इसे ही घमौरियां कहते हैं। कुछ घमौरियां कांटेदार या अधिक खुजली वाली होती हैं।

बचने के उपाय: घमौरी से बचने के लिए जहां तक संभव हो गर्मी के मौसम में हल्के सूती कपड़े पहनें जिससे आपकी त्वचा सांस ले पाए। ठंडे वातावरण में रहें, गर्मी से बचने के लिए एसी-कूलर का इस्तेमाल करें, ऐसा काम न करें जिससे ज्यादा पसीना निकले, त्वचा को ड्राई यानी सूखा रखने की कोशिश करें, स्किन पर पाउडर भी लगा सकते हैं।


विषाक्तता (फूड पाइजनिंग)


फूड पाइजनिंग भी गर्मियों में होने वाली सबसे कॉमन बीमारियों में से एक जो दूषित खाना या पानी के सेवन के कारण होती है। अगर आप किसी ऐसे भोजन को खा लें जो कई तरह के वायरस, बैक्टीरिया या विषैले तत्वों के संपर्क में आया हो तो फूड पाइजनिंग की समस्या हो जाती है। दूषित खाना या पानी का सेवन करने के 2 से 3 घंटे के अंदर व्यक्ति में उल्टी आना, मतली, पतला दस्त, पेट में दर्द व ऐंठन और बुखार जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। समय पर इलाज न हो तो यह समस्या जानलेवा भी साबित हो सकती है।

बचने के उपाय: फूड पाइजनिंग से बचने के लिए बाहर की खाने-पीने की चीजों से बचें और साथ ही घर पर भी खाना बनाते और खाते वक्त कई जरूरी बातों का ध्यान रखें। अपने हाथ, बर्तन, भोजन बनाने की सतहों को अच्छे से साफ करें, पके हुए भोजन को कच्चे भोजन से दूर रखें, भोजन को अच्छे से सही तापमान पर पकाएं, जल्दी खराब होने वाली चीजों को तुरंत फ्रिज में रखें। गर्मी के मौसम में बचा हुआ और बासी खाना काने से परहेज करें। 

                              दस्त (डायरिया)


चूंकि गर्मी के मौसम खाने-पीने की चीजें अगर ज्यादा देर तक बाहर रखी हों तो वह जल्दी खराब हो जाती हैं और इसी कारण से दस्त या डायरिया की समस्या गर्मियों के मौसम की कॉमन समस्या है। डायरिया, ढीले और पानी के मल के रूप में पहचाने जाते हैं। दिन में अगर 3 बार से ज्यादा पानी के साथ पतला दस्त हो तो यह डायरिया का लक्षण हो सकता है। कई बार डायरिया के साथ पेट दर्द, बुखार, सिरदर्द और कमजोरी भी होने लगती है।

बचने के उपाय: जहां तक संभव हो पानी को उबालकर ही पिएं, फल और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही काटें। गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए खूब सारा पानी पिंए और आप चाहें तो पानी में नमक और चीनी मिलाकर भी पी सकते हैं ताकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बना रहे।

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