"मुंबई की गलियों से समंदर के सितारों तक: अनिरुद्ध की उड़ान"
मुंबई की एक छोटी-सी चॉल में पला-बढ़ा अनिरुद्ध सकपाल आज दुनिया के अलग-अलग समंदरों पर तैरते आलीशान क्रूज़ पर काम कर रहा है। बचपन से ही उसे रसोईघर में माँ के हाथों बनते खाने की खुशबू खींच लेती थी। जब दूसरे बच्चे क्रिकेट के पीछे भागते थे, अनिरुद्ध लगन सें घर की काम करता था। उस वक्त उसे पता नहीं था कि यही शौक एक दिन उसे दुनिया घूमने का मौका देगा।
घर में आर्थिक तंगी थी—माँ गृहिणी और पिता टैक्सी चला कर घर की जरूरतें पूरी करते। होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने की ख्वाहिश अनिरुद्ध के दिल में थी, पर पैसों की कमी के कारण सपना अधूरा रह गया। तभी उसके पिता के बॉस ने उसे "युवापरिवर्तन" संस्था के होटल मैनेजमेंट कोर्स की जानकारी दी। यह मौके ने उसकी जिंदगी बदल दी. वहाँ उसने कम्युनिकेशन स्किल, मेहमाननवाज़ी के अंतरराष्ट्रीय मानक और टेबल मैनर्स जैसे अहम पहलुओं पर भी महारत हासिल की।
कोर्स पूरा करने के बाद अनिरुद्ध को पहली नौकरी मुंबई के कोर्टयार्ड बाय मैरियट में मिली। 5 स्टार होटल में काम करते हुए उसका आत्मविश्वा दुगना हो गया। यह अनुभव उसकी जिंदगी की दिशा तय करने वाला साबित हुआ। जल्द ही उसे क्रूज़ पर काम करने का सुनहरा मौका मिला. आज अनिरुध्द क्रूज पर क्लिनींग डिपार्टमेंट में काम करते हैं. और महिना 73,000 हजार रुपये कमा रहे हैं. क्रूज़ पर काम करना अनिरुद्ध के लिए एक अलग दुनिया के दरवाज़े खोलने जैसा था। अलग-अलग देशों और संस्कृतियों के लोगों के साथ मिलकर काम करने से अनिरुद्ध के हुनर में निखार आया
"मैंने कभी नहीं सोचा था कि होटल मैनेजमेंट का कोर्स मुझे इतनी दूर ले आएगा," अनिरुद्ध गर्व से कहता है। दो साल के भीतर वह ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और सिंगापुर तक का सफर कर चुका है—वह भी अपने हुनर के दम पर। पिता के टैक्सी के छोटे से सफर से लेकर खुद के समंदर पार के सफर तक की यह यात्रा आसान नहीं थी, लेकिन अनिरुद्ध ने हर चुनौती को मौके में बदलना सीखा।
अनिरुद्ध आज अपने जैसे युवाओं को संदेश देता है—"अगर आपके दिल में जुनून और हाथों में हुनर है, तो होटल मैनेजमेंट सिर्फ एक कोर्स नहीं, बल्कि सपनों की उड़ान है। क्रूज़ पर काम करना कोई दूर की कौड़ी नहीं, बस सही दिशा, मेहनत और हिम्मत चाहिए।"
अनिरुद्ध की कहानी इस बात का प्रमाण है कि मुश्किलों के भँवर में फँसकर भी अगर इंसान हौसले से डटा रहे, तो समंदर के पार भी उसका नाम रौशन हो सकता है। यह कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखता है और उन्हें पूरा करने की हिम्मत रखता है।
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