
युवा भागीदारी: लोकतंत्र का आवश्यक तत्व :- सोनू द्विवेदी
युवा भागीदारी: लोकतंत्र का आवश्यक तत्व :- सोनू द्विवेदी
बक्सर। आज की युवा पीढ़ी देश और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पिछले दो दशकों में देश और दुनिया में हुए बदलावों में युवाओं की भूमिका सराहनीय रही है, चाहे अरब देशों में लोकतंत्र की स्थापना के लिए विद्रोह हो या 2014-24 तक के संसदीय चुनावों में प्रचंड बहुमत से श्री नरेंद्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनवाने में युवाओं की भूमिका अकल्पनीय रही है। युवा शक्ति देश और समाज का विकास का रीढ़ होती है। युवा देश और समाज को एक नए शिखर पर ले जाते हैं। युवा एक तरफ देश का वर्तमान है, तो दूसरी ओर भूतकाल और भविष्य काल के सेतु भी हैं। युवा आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे नए विचार और ऊर्जा लेकर आते हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं। जबकि इस देश के 65 फ़ीसदी आबादी 35 वर्ष से कम उम्र का है लेकिन दुर्भाग्य के साथ कह सकता हूं कि आज सरकार द्वारा बेरोजगारी के मुद्दे पर कोई कठोर कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिसके कारण लाखों युवा रोजगार के चक्कर में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। युवा नशीली दवाओं का शिकार होते जा रहे हैं और विभिन्न प्रकार के गलत मार्ग अपना रहे हैं, जिसके कारण सही दिशा में सफलता नहीं मिलती है।
धारा के विपरीत बहना :
युवाओं को धारा के विपरीत बहना होगा, तब जाकर वे अपने लक्ष्य प्राप्ति के शिखर पर पहुंच सकते हैं।
कठिन परिश्रम :
स्वामी विवेकानंद जी का कहना है कि हर कठिन परिश्रम से सफलता नहीं मिलती है, लेकिन हर सफलता के पीछे कठिन परिश्रम ही होता है।
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