
संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) के सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं एवम् निवेदन :- गुरप्रीत कौर
इस समय आपके मन में चिंता, दुविधा, तनाव, असफल होने का भय जैसे बहुत भाव आ रहें होंगे।
यह स्वाभाविक है लेकिन इन सब के ऊपर जो हैं, वह है आपका आत्मविश्वास, आपका संयम जिसके साथ आप आज तक ईमानदारी के साथ तैयारी में लगे रहें।
इस संयम की जरूरत अब और भी है।
इसीलिए आप अपने दिमाग में अपने ईष्ट जनों को, ईश्वर को बनाए रखें और केवल एक हीं बात याद रखें कि वह जो सर्वोपरि ईश्वर हैं वह मेरे साथ हैं वह अच्छा हीं करेंगे।
इसीलिए कुछ लाइन उनको समर्पित हैं :-
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मेरा नाथ तू है नहीं मैं अकेला मेरे साथ तू है
मेरा नाथ तू है...
चला जा रहा हूँ मैं राहों पे तुम्हारी
राहों पे आए जो तूफान भारी
थामें हुए है मेरा हाथ तू है
नहीं मैं अकेला...
तेरा दास हूँ मैं तेरे गीत गाऊँ
तुझे भूल के भी ना कभी भूल पाऊँ
तू हीं है तात-बंधू, पिता-माता तू है
नहीं मैं अकेला...
ठाकुर है तू मैं तेरा पुजारी
तेरा खेल हूँ मैं तू मेरा खिलाड़ी
मेरी जिंदगी की हर एक बात तू है
नहीं मैं अकेला मेरे साथ तू है
मेरा नाथ तू है...
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