छठ घाट पर कलाकार विशेन्द्र नारायण सिंह की कलाकृति।
जोश भारत न्यूज|बिहार
झारखण्ड। जमशेदपुर के पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित मानगो शहर के स्वर्णरेखा नदी पुल के नीचे पत्थरो पर विशेन्द्र नारायण सिंह के द्वारा किए गए चित्रांकन, जिसमें अर्घ दे रहीं परवैती, के साथ चंद्रयान-3 और आदित्य-L1 को भी बहुत ही खूबसूरती से दर्शाया गया है। मानगो स्वर्णरेखा पुल के निचे अर्ग स्थल को पूरी तरह साफ कर किया गया पत्थरो पर मैथिली कलाकृति, बता दें तो आदित्य-L1 को देखते हुए, सूर्य देव को अर्घ देती हुई परवैति के साथ जल चढ़ाते हुए श्रद्धालु को दर्शाया गया हैं। तीन दिन लगे पूरा बनाने में। कलाकार विशेन्द्र नारायण सिंह ने विज्ञानिकों के साथ पूरे भारत को शुभकामनाएं देते हुए बताया की जिस तरह पूरे विश्व में भारत अपना नाम कर रहा है। जनवरी 2024 में भारत का आदित्य-L1 सूर्य के कुछ दूरी पर अपना परिक्रमा शुरू करने जा रहा हैं चंद्रयान-3 के बाद आदित्य-L1 भी हमें सूर्य के बारे में बारीकियों से पता लगाने में मदद करेगा और हम चांद के साथ साथ सूर्य को भी करीब से जान पाएंगे। मेरा इस कलाकृति को करने का मतलब यह है की पूजा करने आने वाले परवैती सूर्य देव को लोक आस्था का पर्व छठ पूजा में हमारे भारत की वैज्ञानिकों को आर्शीवाद, शुभकामनाएं और उनकी कामना प्रदान कराना है की भारत का नाम हर ग्रह पर हो और तरक्की करे।
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