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“सेवा बिहार” जो कि एक ट्रैड यूनियन है, के बैनर तले दिनांक 16 जून को अंतर्राष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस के अवसर पर ए. एन . सिन्हा संस्थान , पटना के सभागार में एक संगोष्टी का आयोजन किया गया।

“सेवा बिहार” जो कि एक ट्रैड यूनियन है, के बैनर तले दिनांक 16 जून को अंतर्राष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस के अवसर पर ए. एन . सिन्हा संस्थान , पटना के सभागार में एक संगोष्टी का आयोजन किया गया।


“सेवा बिहार” जो कि एक
ट्रैड यूनियन है, के बैनर तले दिनांक 16 जून को अंतर्राष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस के अवसर पर ए. एन . सिन्हा संस्थान , पटना के सभागार में एक संगोष्टी का आयोजन किया गया। विशिष्ट अतिथियों तथा उपस्थित जनों का स्वागत सेवा कार्यकर्ता श्रीमती गीता देवी द्वारा किया गया। 

कार्यक्रम के विशेष अतिथि, बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष माननीय श्री हिमांशु चक्रपाणि जी ने काफी विस्तार से अपनी बाते रखी तथा सेवा विहार के प्रयासों की सरहाना भी की , अध्यक्ष महोदय द्वारा आयोग की संरचना को स्पष्ट किया गया साथ ही श्रम संशाधन विभाग की विभिन्न लाभकारी योजनायो की जानकारी दी , उन्होंने बार बार संगठन को मजबूत बनाने एवं विस्तारित करने का अनुरोध भी किया उन्होंने घेरेलू कामगारों की समस्याओ  को सहानभूति पूर्वक सुना तथा समाधान का रास्ता भी सुझाया , घरेलू कामगारों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्होंने कहा “ आज के सोशन और दोहन के दौर में आप घर घर जा कर काम कर के आते है ,यह बहुत बहादुरी का कार्य है “-  आगे बहनों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा आप अर्थ से गरीब हो सकते है शरीर से नहीं .। अंत में उन्होंने संगठन को बढ़ाने और मजबूत करने की बात दोहराई । और “ जो दौरेगा वही मंजिल को प्राप्त करेगा “ कहते हुए अपनी बातों को विराम दिया । 

राज्य समन्वयक डॉ  सुष्मिता गोस्वामी द्वारा विषय बस्तु का संदर्भ देते ही आगे बढ़ाया गया – उनके द्वारा केस स्टोरी के माध्यम से कामगार बहनों की समस्या को उजागर किया गया ।  सेवा कार्यकर्ता अनुप्रिया द्वारा घेरेलू कामगार के संगठन पर एक संक्षिप्त प्रदर्शन किया गया । इस अबसर पर घरेलू कामगार के अधिकारों एवं ILO कन्वेन्शन 1989-90 के परिपेक्ष्य में बड़ी तादाद में घरेलू कामगार महिलाये एकत्रित होकर अपने कामों का विश्लेषण एवं रणनीति पर अपने विचार साझा किये । घरेलू कामगारों के लिए यह विशेष मंच था जहा से उन्होंने सम्मिलित रूप से सरकार के सामने अपनी तीन प्रमुख मांगो को रखा ।

  1. घरेलु कामगारों का राष्ट्रीय मंच,जिसमें सेवा भी एक सक्रिय सदस्य है, राज्य सरकार से मांग करती है की वे विधानसभा में संविधान के अनुच्छेद २५२ के अंतर्गत एक प्रस्ताव पारित करके घरेलु कामगारों के लिए एक केंद्रीय समुचित कानून की मांग का समर्थन करें. 

  2. नियोक्ता के घर को, जहाँ घरेलु कामगार काम करती हैं, उसे घरेलु कामगार के ‘कार्यस्थल’ की मान्यता दी जाए. ऐसा किये जाने पर ही घरेलु कामगार अपने काम सम्बंधित विवाद के निपटारे के लिए श्रम विभाग का उपयोग कर सके. 

  3. घरेलु कामगारों के लिए पेंशन और प्रोविडेंट फण्ड (Provident Fund) की व्यवस्था की जाए. इस तरह वे ILO कन्वेंशन 102 के अंतर्गत दी गयी सामाजिक सुरक्षाएं जैसे स्वास्थ्य सुरक्षा, बीमारी, वृद्धावस्था पेंशन, रोज़गार के दौरान चोट, परिवार की स्वास्थ्य सुरक्षा, मातृत्व लाभ, काम न कर पाने पर पोषण और उत्तरजीवी (survivor) सुरक्षा के अधिकारी हो सकेंगे. 

 आमंत्रित अतिथियों ने अपने अनुभव से घरेलू कामगारों का मार्ग प्रसस्त किया तथा सेवा विहार को कई सुझाब भी दिए । 

गणमान्य अतिथि श्री विकास, पी सी आई श्री प्रणय, आई जी. एस. एस, ममता पांडे – बरिष्ट अधिवक्ता , अदिति ठाकुर  DMI के अलाबा पटना , भागलपुर एवं कटिहार से बड़ी संख्या में घरेलू कामगार एवं सेवा कार्यकर्ताओ  सहित लगभग सौ लोगों ने कार्यक्रम में सहभागिता निभाई । 

कार्यक्रम की सफलता में सेवा कार्यकर्ता – पूनम पांडे , रंजना  सिन्हा ,रिंकी , रश्मि , अर्चना , पूजा भारती , अमित आदि ने अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । 

धन्यबाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का सफलता पूर्ण समापन किया गया 


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