
देश का नेतृत्व क्षत्रिय विहीन होने की सज़ा पुरा भारत भुगत रहा है : प्रशांत सिंह सिंहासनी
कन्हैया लाल की हत्या एक आतंकवादी हमला है
जब तक देश की बागडोर क्षत्रियों के हाँथों में थी 36 कौम सुरक्षित थे, आज सत्ता की लालच में देश को बर्बादी के कगार पर लाया जा रहा है "क्षत्रिय" के ख़िलाफ़ फ़िल्म बनाकर हमारे विरुद्ध घृणा फैलाई गई
जिन्हें हमारे हथियार रखने से समस्या थी बकायदा कानून बनवाकर हमारे हथियार रखने के धार्मिक अधिकार तक का हनन किया गया है
आज जब देश विपरीत परस्तिथि में खड़ा उस वक़्त भी पक्ष और विपक्ष राजनीति कर रहें हैं
अगर सत्ता नकमियाँ ऐसी चलती रही तो श्री राजपूत करनी सेना जल्द सड़कों पर उतरेगी
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