-->

Translate

इस पवित्र धरा का नाम हिन्दुतान है, और इस हिंदुस्तान में आस्था से बड़ी कुछ नही है

इस पवित्र धरा का नाम हिन्दुतान है, और इस हिंदुस्तान में आस्था से बड़ी कुछ नही है



आप ने बहोत सुना होगा,खाश कर बिहार में लोग अपने घर से झारखंड में अवस्थित देवघर श्रद्धालु ढंड में कामर ले कर जाते है जो लगभग (200km) की यात्रा होती है ,बिहार के अलावा भी और भी राज्यो में लोग अपने इष्ट देव महाकाल के नगरी जला अभिषेक हेतु कावर यात्रा करते है

         लेकिन मैं जिनके बारे मे आज बताने जा रहा हु उनकी आस्था ,कोई सुदामा से कम नही ,उनकी आस्था निषाद राज से कम नही है ,आज में उस आदमी के बारे में बताना चाहता हु,इस आस्था की परकाष्ठा कुछ इस प्रकार से समझी जा सकती  है ,की वो जब ये सुना कि #हिन्दू_हिर्दय_स्मार्ट_आदरणीय_योगी_जी_महाराज (मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश) दूसरी बार मुख्यमंत्री बने,उन्होंने अपने चलती-चलाती "झा जी होटल" अवस्थित सचिवालय केम्पस पटना ,को अपने साहसी और कर्मनिस्ट पत्नी के ऊपर छोड कर पटना से पैदल इस तपती-चिलचिलाती धूप और पड़ती लूह में बिना कोई परवाह के चलती हुई व्यवसाय और अपनी धर्म पत्नी बच्चे कोछोर कर। यह #यात्रा_का_प्रारम्भ_पटना_पाटन_देवी_भद्र_घाट_से_प्रारंभ_होकर_बाबा_विश्वनाथ_तीर्थराज_प्रयाग_अवधपुर_धाम होते हुए लखनऊ होते हुए दिल्ली तक जाएंगे। ये यात्रा लगभग (1000km) की ये यात्रा की सुरुआत 1महीने 10 दिन पहले करने वाले वो महान कर्म योगी,वचन और संकल्प को पूरा करने वाले #असाधरण_सख्सियत_आदरणीय_फणीशझा_जी है      

 *जिनसे हमारी टीम फोन पे बात की है,हमारी टीम से बात के दौरान उनकी आस्था कुछ इस प्रकार है 

भैया जी हमारी दर्द भरी दास्तां बहुत बड़ी है इतना लिखना और कहना या उनका सुनना संभव नहीं

मेरे यात्रा का मूल उद्देश्य सभी तीर्थों के जल से हम अपने आराध्य का कहीं भी स्थापना करते हैं उसी तरह सभी तीर्थों का जल लेकर मैंने संकल्प लिया था योगी जी के शपथ ग्रहण से पहले बीच में कुछ दुविधा दिख रही थी इसीलिए यदि #योगी_जी दोबारा #मुख्यमंत्री पद पर आसीन होते हैं तो #हम_सभी_तीर्थों_का_जल लेकर उनके स्थाई शासन के लिए नंगे पांव कावड़ यात्रा कर सभी तीर्थों से गंगा जल लेकर अभिषेक करूंगा तथा भारत के #प्रधानमंत्री_बाबा_विश्वनाथ_के_प्रतिनिधि हमारे हृदय में इस #युग_के_राम_अवतार_श्री_मोदी_जी का भी 2024 में भारत का ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का सम्राट बने इसके लिए भी उन्हें भी अभिषेक करूंगा क्योंकि हमारे सनातन में राजा को भगवान का प्रतिनिधि माना जाता था जोकि मुगल शासक अंग्रेज तथा उसके बाद जो शासक हुए उनमें नहीं दिखा लेकिन यह सौभाग्य है कि अभी हमारे यह दोनों शासक में भगवान का अवतार देखा जा सकता है


0 Response to "इस पवित्र धरा का नाम हिन्दुतान है, और इस हिंदुस्तान में आस्था से बड़ी कुछ नही है "

एक टिप्पणी भेजें

advertising articles 2

Advertise under the article