इस वजह से बढ़ता है ब्रेन हैमरेज का खतरा
डॉ. रीशिकांत सिंह,वरिष्ठ न्यूरो सर्जन ,पीएमसीएच ,पटना ने बताया कि प्रकृति से दूरी बढ़ रही है। लोगों की जीवन शैली ऐसी होती जा रही है जहां प्रकृति प्रदत्त चीजों का स्थान सिमट रहा है। अनियमित दिनचर्या, प्रदूषित खानपान बीमारियों का बम बना रहा है। जिसका मुकाबला हम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर ही कर सकते है । उन्होंने बताया कि हमारे गड़बड़ खान-पान से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है, जिससे तरह तरह के रोग हो रहे हैं और यही रोग बाद में बड़े रोगों का कारण बनते है ।
सावधानी ही बचाव है :
डॉ. रीशिकांत सिंह ,वरिष्ठ न्यूरो सर्जन पीएमसीएच,पटना ने बताया कि ब्रेन हैमरेज, फालिज, लकवा जैसी प्राणघातक बीमारियों के पीछे छिपी हुई बीमारियां होती है। ये बीमारियां जो कि हमारे गड़बड़ खान पान, आहार-विहार और प्रकृति से दूर होने के कारण उत्पन्न होती हैं । उन्होंने लोगों को सुझाव देते हुए कहा कि आदर्श जीवनशैली अपनाएं जिससे स्ट्रोक होने की आशंका ही न रहे। डॉ. Singh ने कहा कि जो लोग मधुमेह, मोटापा, उच्चरक्तचाप आदि से पीड़ित हैं उन्हें सावधान हो जाना चाहिए। निश्चित समय पर जांच करायें और ठंड के दिनों में खानपान एवं रहन-सहन में सावधानी बरतें। सावधानी बरतने से पक्षाघात से बचा जा सकता है ।
फास्ट फूड नहीं घर की रसोई का भोजन
लें कि ज्यादातर बीमारियां पेट की बीमारियों के बाद उत्पन्न होती हैं, इसलिए पेट को दुरूस्त रखना चाहिए। पेट सही तो सब सही रहता है । पेट सही रहे इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम, मॉर्निग वॉक, इवनिंग वॉक के साथ ही संतुलित भोजन (घर की रसोई का पका हुआ भोजन) समय से करना चाहिए और समय से नींद लेनी चाहिए। बाजार का तला भुना भोजन, फास्ड फूड से बचना चाहिए । चोकर युक्त रोटी और हरी सब्जियों कें साथ ही दूध और दही के सेवन के प्रति संतुलित आहार चार्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आहार-विहार संयमित करने से जीवन शैली को आदर्श बनाना चाहिए और प्राकृतिक खाद्य पदार्थो का संतुलित सेवन एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति काम करना चाहिए । बीमारियों की खास वजह में प्रदूषण भी शामिल है।
ब्रेन हैमरेज के लक्षण
- चेहरे, हाथ या पैरों में अचानक से सुन्नपन (खासकर एक हिस्से में)
- अचानक से बोलने या समझने में दिक्कत
- अचानक से दोनों आंखों से धुंधला दिखने लगता है
- अचानक चलने के दौरान बैलेंस बनाए रखने में दिक्कत
- चक्कर आना
ब्रैन हैमरेज का उपचार
ब्रैन हैमरेज का उपचार दो तरीकों से होता है। एक तो ओपन सर्जरी और दूसरा इंडोवैस्कुलर तकनीक। ओपन सर्जरी तकनीक से दिमाग में शल्य चिकित्सा द्वारा रक्त स्राव को रोका जाता था। इस प्रक्रिया में शल्य क्रिया ज्यादा होती है। जबकि इंडोवैस्कुलर तकनीक में शल्य क्रिया कम होती है। इस तकनीक के तहत पैरों में छोटा छेद कर रक्त स्राव रोका जाता है।
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