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युवा पत्रकार नीलेश कुमार ने बताये उत्तर प्रदेश यात्रा 2014 और 2021 का अनुभव

युवा पत्रकार नीलेश कुमार ने बताये उत्तर प्रदेश यात्रा 2014 और 2021 का अनुभव


 पटना। पहली बार मैं एसएससी (10+2) का परीक्षा देने 8 नवंबर 2014 को वाराणसी के लिए निकला, शाम 6 बजे पटना जंक्शन पर था कुछ ही देर बाद विक्रमशिला एक्सप्रेस के जेनरल डिब्बा में बैठकर तत्कालीन मुगलसराय जंक्शन वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक की यात्रा की फिर वहां ट्रेन से उतरकर (उस समय मुगलसराय को लेकर यह कहावत थी कि यहां आंख बंद डिब्बा गायब इस लिए डर भी लग रहा था) फिर बनारसी एक्सप्रेस से 10:45 बजे वाराणसी जंक्शन पहुंचा, हमारे साथ ही यात्रा कर रहे एक सहयात्री जैसे ही स्टेशन परिसर से बाहर निकला कि अपराधियों ने उसके साथ घटना का अंजाम दिया इतना असुरक्षित था यूपी उस समय और सत्ता में अखिलेश यादव थें वे मुख्यमंत्री थें उनके शासन के समय अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर होता था, हम चुपचाप रात वाराणसी जंक्शन पर बिताया, फिर हम प्रात: होकर परीक्षा देने के बाद बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन कर शाम में विभूति एक्सप्रेस से पटना लौट आया। यह थी 2014 में सुरक्षा व्यवस्था उसके बाद लगभग दर्जनों यूपी गया हूं अभी तक लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है सबसे लास्ट में दिसंबर 2021 में वाराणसी गया रात 11 बजे आराम के साथ दोस्तों के साथ वाराणसी घूमा और सही कहूं तो सच में योगी बाबा ने यूपी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दिया ।

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