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नगर पंचायत खुसरूपुर में टीवीसी सदस्यों की बैठक आयोजित।

नगर पंचायत खुसरूपुर में टीवीसी सदस्यों की बैठक आयोजित।

जोश भारत न्यूज|बिहार

खुसरूपुर। नगर पंचायत सभागार में दिनांक 22 अगस्त 2025 को टीवीसी सदस्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य शहर में लगने वाले जाम से निजात दिलाने हेतु लोहारा गबरा वार्ड 3 में वेंडिंग जोन का निर्माण करना है। जिसके लिए डीपीआर बनाने की प्रक्रिया  शुरू किया जा रहा है।

बैठक में टीवीसी अध्यक्ष सह कार्यपालक पदाधिकारी प्रमोद कुमार रजक, मुख्य पार्षद मिंटू कुमार, नगर प्रबंधक मनीष प्रसाद, नगर मिशन प्रबंधक बैजू शंकर गिरी, स्वच्छता पदाधिकारी सपना कुमारी और टीवीसी के सभी सदस्य मौजूद थें। इसके अलावा एनजीओ के प्रतिनिधि वी एन चौबे, किरण देवी, सीता देवी, बेबी सिंह, पुतुल कुमारी और फुटपाथ दुकानदारों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थें।

बैठक में वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए विस्तृत चर्चा की गई और आवश्यक निर्णय लिए गए। वेंडिंग जोन तैयार होने के बाद पर्ची बना लॉटरी के माध्यम से वेंडर क्षेत्र में निर्मित दुकान फुटपाथ दुकानदारों को  दिया जाएगा। जिससे किसी प्रकार का विवाद का सामना करना नहीं पड़ेगा।

इस परियोजना के पूरा होने से शहर में जाम की समस्या से निजात मिलेगी और स्थानीय व्यवसायियों को भी लाभ होगा। नगर पंचायत खुसरूपुर की यह पहल शहर के विकास और सुव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल शहर की सूरत बदलेगी, बल्कि स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों को भी लाभ होगा। 

टीवीसी :-

यह एक समिति है जो शहरों में स्ट्रीट वेंडरों के हितों की रक्षा और उनके व्यवसाय को नियमित करने के लिए गठित की जाती है। टीवीसी का मुख्य उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों को उनके अधिकारों और हितों के बारे में जागरूक करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना है।

टीवीसी में आमतौर पर स्थानीय प्रशासन, स्ट्रीट वेंडर प्रतिनिधि और अन्य हितधारक शामिल होते हैं। यह समिति स्ट्रीट वेंडरों के लिए वेंडिंग जोन की पहचान करने, उनके व्यवसाय को नियमित करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

डीपीआर -

यह एक विस्तृत दस्तावेज है जिसमें किसी परियोजना के बारे में सभी आवश्यक जानकारी शामिल होती है, जैसे कि परियोजना का उद्देश्य, कार्य योजना, वित्तीय विवरण, तकनीकी विशिष्टताएं और कार्यान्वयन की समयसीमा। डीपीआर बनाने का उद्देश्य परियोजना की व्यवहार्यता और संभावनाओं का मूल्यांकन करना होता है, साथ ही यह परियोजना के लिए आवश्यक संसाधनों और धन की आवश्यकता का अनुमान लगाने में भी मदद करता है।


डीपीआर में आमतौर पर निम्नलिखित जानकारी शामिल होती है:

1. परियोजना का उद्देश्य और लक्ष्य

2. परियोजना की कार्य योजना और समयसीमा

3. वित्तीय विवरण और बजट

4. तकनीकी विशिष्टताएं और आवश्यकताएं

5. परियोजना के लिए आवश्यक संसाधन और उनकी उपलब्धता

6. परियोजना के संभावित जोखिम और उनके समाधान के तरीके

डीपीआर बनाने से परियोजना के लिए एक स्पष्ट दिशा और योजना मिलती है, जिससे परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद मिलती है।

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