
बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन पर चार बाढ़ निकासी पुल को मिली मंजूरी, जनता के संघर्ष को मिली सफलता : दिव्यांशु
समस्तीपुर। बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन परियोजना में लंबे समय से उपेक्षित जल निकासी की समस्या को लेकर चल रहे स्थानीय लोगों के संघर्ष ने आखिरकार रंग ला दिया है। बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड (BSRDCL) ने फोरलेन के चार महत्वपूर्ण स्थलों पर बाढ़ जल निकासी के लिए बड़े पुलों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह निर्णय निगम के पत्र संख्या 208, दिनांक 5 मई 2025 के माध्यम से लिया गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जौनापुर निवासी स्वतंत्र पत्रकार दिव्यांशु सिंह ने बताया कि यह उपलब्धि स्थानीय समाज के एकजुट प्रयासों और निरंतर जनदबाव का परिणाम है। प्रभावित पंचायतों – चपरा, डुमरी दक्षिणी एवं राजपुर (जौनापुर) – के लोगों ने लगातार प्रशासन और बीएसआरडीसीएल के अधिकारियों से संपर्क कर जल निकासी की गंभीर समस्या को उजागर किया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि फोरलेन निर्माण के दौरान कई प्राकृतिक जलधाराओं को बंद कर दिया गया और सड़क को इस प्रकार निर्मित किया गया कि वह एक बांध की तरह कार्य करने लगी। इसका दुष्परिणाम वर्ष 2024 में सामने आया, जब जलजमाव के कारण जौनापुर गांव का एक घर पूरी तरह ध्वस्त हो गया। यह दृश्य आज भी लोगों के मन में भय का कारण बना हुआ है।
जनदबाव के बाद निगम ने दो बार हाइड्रोलॉजिकल सर्वे करवाया, जिसमें स्पष्ट रूप से यह निष्कर्ष निकला कि मौजूदा जल निकासी संरचनाएं अपर्याप्त हैं। इसके उपरांत निगम ने चार स्थानों पर नए बाढ़ निकासी पुलों के निर्माण का निर्णय लिया है। अब इन स्थलों पर निर्माण कार्य हाइड्रोलॉजिस्ट और स्ट्रक्चरल विशेषज्ञों की देखरेख में किया जाएगा।
इस फैसले के बाद स्थानीय जनमानस में हर्ष की लहर दौड़ गई है। आंदोलन में साथ देने वाले समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स विशेषकर Local 18 और समस्तीपुर टाउन के पत्रकारों को भी लोगों ने दिल से धन्यवाद दिया है, जिनकी सतत कवरेज ने इस समस्या को प्रशासन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आंदोलन में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने हर स्तर पर साक्ष्य प्रस्तुत किए और यह दर्शाया कि यदि बड़े पुलों का निर्माण नहीं हुआ, तो भविष्य में यह इलाका और बड़ी बाढ़ विभीषिका का शिकार हो सकता है। इस जीत को जनता ने अपने जागरूकता और संगठित प्रयासों की विजय बताया है।
यह निर्णय न सिर्फ बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे बिहार में बाढ़ प्रबंधन और जनभागीदारी का एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
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