
कला -प्रेमियों को लुभा रही शराबबंदी पर बनाई पेंटिंग।
पटना। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार और बिहार ललित कला अकादमी, पटना के संयुक्त तत्वावधान में 18 अप्रैल से 8 मई, 2025 तक आयोजित 'द्वितीय राज्य स्तरीय कला प्रदर्शनी' में चित्रकला, मूर्तिकला, छापाकलां, फोटोग्राफी, रेखांकन एवं लोककला की विभिन्न कलाकृतियां देखने को मिल रही हैं। 100 से अधिक कलाकृतियों में 10 श्रेष्ठ कृतियों को पुरस्कृत भी किया गया।
जिसमें लोककला- अंतर्गत मधुबनी -चित्रकला के लिए साधना देवी को और भोजपुरी -चित्रकला के लिए सविता कुमारी को पुरस्कार में प्रमाण- पत्र और 50 हजार रूपये विभाग के मंत्री- मोतीलाल प्रसाद, सचिव- प्रवीण कुमार, सांस्कृतिक कार्य निदेशालय की निदेशक -श्रीमती रूबी और संग्रहालय निदेशालय की निदेशक- रचना पाटिल के हाथों प्रदान किया गया।
साधना देवी की शराबबंदी पर बनाई कृति अपनी कला -परम्परा की शैली के साथ समसामयिक घटनाओं का बेजोड़ मेल है। साधना देवी 26 वर्षों से चित्रकारी कर रही हैं। उनकी कला-साधना को देखते हुए बिहार सरकार ने उन्हें बिहार कला पुरस्कार अंतर्गत 'सीता देवी पुरस्कार' से नवाजा। वहीं भोजपुरी -चित्रकार सविता कुमारी की पेंटिंग अपने भोजपुर की संस्कृति से रूबरू कराती हैं। उन्हें दक्ष- देशज राज्य शिल्प सम्मान मिल चुका है।
कला दीर्घा में उनकी दो कृतियों को प्रदर्शित किया गया है- जिसके लिए उन्हें 'द्वितीय राज्य स्तरीय कला प्रदर्शनी' का पुरस्कार मिला। विश्व विरासत दिवस पर फोकार्टोपीडिया द्वारा तीन दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय लोककला प्रदर्शनी में भी उनकी भोजपुरी -चित्रकला लगी, जिसमें बाबू वीर कुंवर सिंह के साहसिक - ऐतिहासिक वर्णन दिखे, जिसे लोगों ने खूब सराहा।
कला- प्रेमी और दर्शक उनकी कलाकृतियों को एकटक निहारते दिखे। बिहार सरकार के मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने कलाकारों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि विभाग का प्रयास है कि राज्य के कलाकारों को एक मंच मिले, जहां हर कला-विधा के कलाकार अपनी कला को प्रदर्शित कर सकें।
विभाग की ओर से सालों बाद इस कार्यक्रम का यह दूसरा आयोजन हुआ है, जिसे अब निरंतर जारी रखना है- ऐसी कोशिश होगी।
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