प्रकृतिक यौगिक कृषि किसानों के अमृत - प्रेम कुमार
जोश भारत न्यूज|बिहार
खुसरूपुर। प्रकृतिक यौगिक कृषि के विषय पर जागरूकता शिविर का आयोजन व्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से बैकुंठधाम गौरीशंकर मंदिर के सभागार में किया गया । शिविर का उद्घाटन प्रेम यूथ फाउंडेशन के संस्थापक गांधीवादी प्रेम जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया । अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि रसायनिक खाद के हो रहे बहुलता से प्रयोग के कारण मिट्टी में नाइट्रेड की मात्रा काफी बढ़ गया है परिणाम स्वरूप हम भयानक रोग के चपेट में आ रहे है असमय बाल सफेद होना, चर्म रोह, दम्मा, कैंसर महामारी का रूप ले लिया है । असमय ही लोग काल के गाल में समाते जा रहे है ।
जैविक खाद में कुल सोलह तत्व मौजूद है जो किसी भी रासायनिक खाद में संभव नही है ।जैविक खाद से उत्पादित अन्न ,फल एवं दूध काफी स्वादिष्ट , पौष्टिक और अधिक दिनों तक टिकाऊ होता । हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों साल जीवित रहते थे पूर्वज भी सौ साल तक स्वस्थ्य जीवन जीते थे आज हमारी आयु क्षीण होती जा रही है । प्रकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार और प्रधानमंत्री काफी प्रयत्नशील है और किसानों को आर्थिक सहयोग प्रदान की जा रही है । प्राकृतिक योग कृषि बढ़ावा देने के अभियान में व्रह्म कुमार ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साथ प्रेम यूथ फाउंडेशन हर स्तर पर सहयोग करने के लिए तैयार है । वहीं पटना से आयी अंजू बहन ने प्रकृतिक कृषि के विशेषता को विस्तार से बताया अन्न का प्रभाव हमारे मन और तन पर होता है । उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि देश गाय का पालन करे । जर्सी गाय का दूध जहर के समान है ।एक गाय के गोबर से हम एक एकड़ प्रकृतिक कृषि कर सकते है ।
सामाजिक कार्यकर्ता विनोद दास ने कहा कि हमे शाकाहारी बनने की जरूरत है जब हम पेट्रोल गाड़ी में डीजल या किरासन डालते है तो इंजन बैठ जाता है और हम पेट मे खैनी, गुटका,दारू,मांस , मछली डाल रहे है मुह है कि डस्टबिन यह अंतर करना कठिन हो जाता है । प्रकृतिक कृषि को बढाने की जरूरत है । सभी किसानों को पाग पहनाकर एवं तिलक लगाकर सम्मानित किया गया ।
मौके पर अमरेश कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, विपिन प्रियदर्शी, कौशल कुमार,सुनील कुमार, विकाश कुमार, रंजय कुमार, जी एन तिवारी, कर्षना भाई, समेत काफी संख्या में किसानों ने भाग लिया ।
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