एन.यू. की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में शोध पत्र प्रस्तुत किए राजेश।
डुमराव। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में 21-22 फरवरी को प्रतिष्ठित भारतीय भाषा केंद्र, भाषा साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन संस्थान, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली तथा मैथिली भोजपुरी अकादमी दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में सरकार द्वारा आयोजित मातृभाषाओं में व्यक्त साहित्य और संस्कृति के विविध आयाम विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में स्नातकोत्तर भोजपुरी विभाग वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा और बक्सर जिले के बनजरिया गांव के रहने वाले शोधार्थी राजेश कुमार उर्फ आदित्य ने 'भोजपुरी के जन साहित्यकार डॉ. अरुण मोहन भारवि' के ऊपर अपना शोध पत्र विद्वानों के बीच संबोधित किए।
भोजपुरी भाषा को लेकर आदित्य का प्रयास भोजपुरी वासियों केलिए काफी सराहनीय कदम है, क्योंकि पूरे भारत में भोजपुरी बोलने वाले लोगों का बोलबाला दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है मगर अभी तक सरकार द्वारा इस भाषा को आठवीं सूची में नहीं शामिल किया गया है जो युवाओं के लिए निराशा की बात है। अगर भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में रखा जाता तो हमारे क्षेत्र के युवा और भी ज्यादा, हर क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे। आदित्य कुमार को अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेने के लिए और भोजपुरी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए क्षेत्र के प्रोफेसर (डॉ.) उषा रानी डी.के. कॉलेज डुमराव, डॉ. संजय कुमार सिंह, भूगोल विभाग इंटर कॉलेज, डुमराव श्याम प्रकाश सहित अन्य लोगों ने उन्हें बधाई दिया।
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