समाजिक कार्यकर्ता और युवा पत्रकार निलेश कुमार सोनी की कलम से
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनसंख्या नियंत्रण पर महिलाओं के उपर किए गए टिप्पणी के बाद बहुत लोग यह कह रहे थे कि आपकी इस पर क्या राय है तो मैं इतना ही कहूंगा की बिहार के मुख्यमंत्री की इस बयान का जितनी निंदा की जाए वह कम है हमारी दिनचर्या में कई ऐसी घटनाएं घटित होती है जिसका एक सभ्य समाज चाह कर भी सार्वजनिक रूप से किसी दूसरे के पास बोलना भी मुनासिब नहीं समझते हैं लेकिन मुख्यमंत्री जी बढ़ते उम्र के साथ-साथ कुछ ज्यादा ही ज्ञानी हो गए इनको लगता है कि इनसे ज्यादा संसार में ना कोई पढ़ा है और ना कोई कुछ जानता है जो कुछ जानते हैं दुनिया में यही जानते हैं और यह जो स्थिति होती है ना इस 70 वर्ष उम्र पार करने के बाद बहुत लोगों की हो जाती है अब बिहार को इस महा ज्ञानी महोदय से भगवान ही बचाए क्योंकि कहा गया है जब कोई अपने आप को बहुत ज्यादा ज्ञानी समझने लगता है तो ऐसे लोगों से और उनके विचारों से दूरी बना लेनी चाहिए क्योंकि यह समाज पुरुष प्रधान समाज होने के साथ-साथ यहां नारी शक्ति की भी पूजा होती है बस इतना ही कहूंगा कि जो ज्ञान यह इन्होंने विधानसभा और विधान परिषद में मंगलवार को दिया था क्या इसी बात को अपने बहू बेटियों के सामने खुद की मुख से बोल पाएंगे इससे ज्यादा क्या कहूंगा हां एक बात और कह देता हूं जो भी चीज हम बोल देते हैं वह वापस लेने से वापस नहीं होता है रही बात माफी की तो यह तय बिहार की जनता को करनी है एक बार फिर यही कहूंगा कि अपने जीवन में जो भी कुछ बोलते हैं वह सोच समझकर बोलना चाहिए क्या यही बात एक आम जनमानष के मुंह से निकलती तो अभी तक वह जेल जा चुका होता।
दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दोनों आउट ऑफ कंट्रोल दिख रहे हैं जानकारी हो कि मंगलवार को विधानसभा और विधान परिषद में जनसंख्या नियंत्रण के बहाने महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी कर दी जिससे सोशल मीडिया और मीडिया में वह लगातार ट्रोल होते रहे कई यूजर उन्हें मेमोरी लॉस सीएम, तो हर कोई अपने-अपने अंदाज में उन्हें निशाने पर लिया वही बिहार की मुख्य विपक्षी दल बीजेपी उन पर लगातार हमलावर है जिसके बाद बुधवार को विधानसभा में अपने बयान को वापस लेने की बात कही और मीडिया के सामने आकर माफी भी मांगी लेकिन गुरुवार को एक बार फिर से वह विधानसभा में भड़क गए दरअसल विपक्षी दल के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की जा रही थी इसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कई मुख्यमंत्री को इस प्रकार का बयान नहीं देना चाहिए जिसके बाद सीएम नीतीश इस प्रकार भड़क गए मांझी के साथ तू तड़ाक पर उतर गए और सदन की मर्यादा तक भूल गए।
0 Response to "समाजिक कार्यकर्ता और युवा पत्रकार निलेश कुमार सोनी की कलम से "
एक टिप्पणी भेजें