अब कैसे करे प्रणाम, बिहार। औरंगाबाद में ए.आर. कुन्दन सिंह व सुजाता संगम
अब कैसे करे प्रणाम, औरंगाबाद में ए.आर. कुन्दन सिंह व सुजाता संगम
जैसा कि आप सभी को मालूम है कि कहि न कही बिहार इन सभी जैसे संगीतो को ले कर बहुत बदनाम है और ऐसा कई लोग भी मानते हैं फिर भी ये थमने की नाम नही ले रही है। दिन पे दिन एक से एक नए नए ऐसे गंदे गाने को बनाये जा रहे हैं।
कल तक लगाया जाता था हुक और चाटा जाता था धोड़ी वहीं गन्ने की रस, तो कहीं बुझाये जाते थें लालटेन। इन सभी के बाद अब चोली को भी करबाएँगे प्रणाम। चोली को प्रणाम करने केलिए भी गाने को बनाया गया है। कहीं न कहीं बहुत ही गलत बात है साथ ही दावा भी किया जा रहा है कि इस होली में सबसे ज्यादा सुनेंगे लोग इस गाने को। आखिर क्यों बनाते हैं बिहार के कलाकार ऐसे चरित्रहीन गाने जिससे सुनने बाले भी हो जाएंगे शर्मसार। रितिक राज वर्मा इन जैसे कलाकार जो बिहार का नाम खराब व बिहार को पीछे करने में हाथ बढ़ाते हैं मैं ऐसे कलाकार से जरूर जानना चाहूंगा आखिर आप क्या उधेश्य देना चाह रहें हैं ऐसे गाने बना कर।
0 Response to "अब कैसे करे प्रणाम, बिहार। औरंगाबाद में ए.आर. कुन्दन सिंह व सुजाता संगम"
नई टिप्पणियों की अनुमति नहीं है.