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पटना के गांधी मैदान में, नाटक का आयोजन , कलाकार बोले- नाट्य शिक्षक की हो बहाली

पटना के गांधी मैदान में, नाटक का आयोजन , कलाकार बोले- नाट्य शिक्षक की हो बहाली


पटना के गांधी मैदान में

 कलाकारों को रोजगार से जोड़ने के लिए नाटक का आयोजन किया गया, इस नाटक के माध्यम से बिहार सरकार को यह बताने की कोशिश है कि बिहार में नाटय शिक्षक की बहाली हो और बरसों से चलता आ रहा भारत सरकार एवं बिहार सरकार का बंद पड़ा ग्रांट पुन चालू किया जाए

नाटक में रंगकर्मियों के व्यक्तिगत जीवन के संघर्ष की अलग अलग कहानियों को दिखाया गया, जिसमें एक रंगकर्मी के जीवन के उस पहलू को उकेरा गया है, जहां वो पढ़ाई के बाद भी अपने परिवार और समाज में उपेक्षित हैं, उन्हें स्कूल, कॉलेज में एक अदद नाट्य शिक्षक की नौकरी भी नहीं मिल सकती, क्योंकि हमारे यहां नाटक के शिक्षकों की बहाली का कोई नियम नहीं है, इस मुखर सवाल पर आकार नाटक दर्शकों के लिए रंगकर्मियों के जीवन संघर्ष से जुड़ा निम्न सवाल भी छोड़ जाता है

यही रंगकर्मी जब अपने घर पहुंचते हैं

 तो घर में इन से बेहूदा किस्म के प्रश्न पूछे जाते हैं, क्या कर रहे हो ? नाटक करने से क्या होगा ? लोग तुम्हें लौंडा कहते हैं! नाचने वाला कहते हैं! यह सब करने से रोजी-रोटी नहीं चलेगा... कोई अच्छी घर की लड़की का हाथ तक नहीं मिलेगा!, इस तरह के अनगिनत ताने सुनने पड़ते हैं, फिर भी रंगकर्मी यह सब सहने के बावजूद रंगकर्म करते रहते हैं

इनका कहना है की 

सरकार रंगकर्मियों को नौकरी दे, उन्हें रोजगार दे तभी वे भी खुलकर समाज का साथ दे सकते हैं, इस नाटक को अभिनय मनीष महिवाल, कृष्ण यादव, अभिषेक राज, रेन मार्क, रोवन, हीरा लाल रॉय, गुलशन कुमार, उर्मिला, हेमा, राम प्रवेश, अक्षय कुमार यादव, चंदन ने किया व इसके लेखक मनीष महिवाल हैं

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