( रामनवमी 2022 ) कविता - मर्यादा पुरुषोत्तम राम होना ( लेखक - शादाब रहबर , गया बिहार)
इतना आसान नहीं हर शय का मुकाम होना
सबसे पहले तुम मर्यादा पुरुषोत्तम राम होना
झेला है वनवास चौदह वर्षों का तब जाकर
आयोध्या से नेपाल तलक राम का नाम होना
रखते हो सोच स्त्री को लेकर न जाने कैसी
मगर एक बार भी सोच लेते सीता का राम होना
रावण सा होना भी कलयुग में आसान नहीं
कैसे समझ लेते हो इस दौर में राम होना
मुझमें दिखेगी झलक साबरी के भी रहबर
इल्तिज़ा है सबसे रावण जलाने से पहले राम होना
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