"डॉक्टर तिस्या श्री: एक ऐसी प्रतिभा जो चिकित्सा और साहित्य दोनों क्षेत्रों में अपना जलवा बिखेर रही है"
तिस्या श्री ने चिकित्सा और साहित्य दोनों क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। वह एक सफल चिकित्सक होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध कवयित्री भी हैं।
तिस्या श्री साहित्य के क्षेत्र में रामधारी सिंह दिनकर को अपना आदर्श मानती हैं। वह अपने माता-पिता को भी अपना आदर्श मानती हैं और उनके मार्गदर्शन में अपने जीवन को आगे बढ़ा रही हैं।
तिस्या श्री की कविताएं सामाजिक मुद्दों और प्रेम रस पर केंद्रित होती हैं। वह अपनी रचनाओं को मंच पर प्रस्तुत करने का एक अनूठा अंदाज रखती हैं, जो लोगों को आकर्षित करता है। तिस्या श्री तेजी से सफलता के सोपान की ओर अग्रसर हैं।
वह साहित्यिक मंचों पर बिहार का मान सम्मान बढ़ाने का सपना रखती हैं और अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों के दिलों में अपनी जगह बना रही हैं। तिस्या श्री की कविताओं में श्रृंगार रस भरपूर है, उनकी कविताएं लोगों के दिलों को छूने वाली होती हैं।
तिस्या श्री की कविताओं की एक विशेषता यह है कि वह चार पंक्तियों के बहाने लोगों के अंतर मन में उपस्थिति दर्ज कर देती हैं। उनकी कविताएं लोगों को सोचने पर मजबूर करती है। और उन्हें अपने जीवन के बारे में गहराई से सोचने का मौका देती हैं।
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