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125 कश्मीरी युवा वतन के जानो कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर पहुंचे।

125 कश्मीरी युवा वतन के जानो कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर पहुंचे।

जोश भारत न्यूज|बिहार

मुजफ्फरपुर। नेहरू युवा केंद्र मुजफ्फरपुर, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा सीनेट सभागार, बिहार अंबेडकर यूनिवर्सिटी में कश्मीरी युवा विनिमय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री दिनेश चंद्र राय, माननीय कुलपति, बी.आर.ए.बी.यू. मुजफ्फरपुर ने अपने संबोधन में कहा कि युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समन्वय को मजबूत करने का उत्कृष्ट माध्यम है। उन्होंने युवाओं को राष्ट्रीय विकास के लिए प्रेरित किया।विशिष्ट अतिथि डॉ. अपराजिता कृष्णा, रजिस्ट्रार, बी.आर.ए.बी.यू., ने कहा कि युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों को पहचानते हुए विविधता में एकता को समझना चाहिए। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए महत्वपूर्ण बताया।

डॉ. ओम प्रकाश राय, प्राचार्य, एल.एस. कॉलेज, ने मुजफ्फरपुर के शैक्षिक और सांस्कृतिक योगदान पर प्रकाश डाला और युवाओं को अपने विचारों और ऊर्जा का उपयोग राष्ट्र निर्माण में करने का आह्वान किया। डॉ. बासुदेव प्रसाद, शिक्षाविद, ने युवाओं को नई विचारधारा और परस्पर सहयोग के महत्व को समझाने पर जोर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य निदेशक, नेहरू युवा केंद्र संगठन, पटना, बिहार द्वारा की गई। उद्घाटन सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। जिला युवा अधिकारी रश्मि सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्यों और कश्मीर तथा बिहार के युवाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की आवश्यकता पर विस्तृत जानकारी दी।

मौके पर प्रेम यूथ फाउंडेशन के संस्थापक गांधीवादी प्रेम जी , पत्रकार सुजाता भूषण, ऋतिक राज वर्मा,  राजीव कुमार, समित कुमार राजू उपस्थित रहे । धन्यवाद ज्ञापन श्री मनीष कुमार, जिला युवा अधिकारी, मधुबनी, द्वारा किया गया।

प्रातः सत्र:

कश्मीरी युवाओं को लंगट सिंह महाविद्यालय के ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराया गया। इस भ्रमण में मुख्य योगदान प्रो. पुष्पा कुमारी (इतिहास विभाग), प्रो. संजीव मिश्रा (अंग्रेजी विभाग), डॉ. राजीव कुमार, दिलीप कुमार, धीरेंद्र कुमार, और प्रो. शशिकांत (राजनीति शास्त्र) का रहा।

संध्या सत्र:

सांस्कृतिक कार्यक्रम में डॉ. आरती कुमारी, कवयित्री ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को प्रेरित किया। आशुतोष और टीम ने कजरी लोकगीत प्रस्तुत किया। नेहा और टीम ने 'आपन बिहार' पर लोकनृत्य किया।कश्मीर के बडगाम से आई तबस्सुम अख्तर ने गीत गाया, और कुपवाड़ा से आए मालिक नसीर ने नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम ने कश्मीर और बिहार की सांस्कृतिक विरासतों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए युवाओं को प्रेरित किया।

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