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खाई में गिरी कार, माता-पिता के साथ 8 साल की मासूम की मौके पर मौत।

खाई में गिरी कार, माता-पिता के साथ 8 साल की मासूम की मौके पर मौत।

जोश भारत न्यूज|उत्तराखंड 

अल्मोड़ा, उत्तराखंड। मन इतना दुखी है कि शब्दो से बयां नहीं किया जा सकता है, गांव निजामपुर के निवासी मनेंद्र सैनी अपनी पत्नी शशि सैनी और 8 साल की बेटी सहित दिनांक 29 मई 2024 को मौत के मुंह में समा गए। श्री मति शशि सैनी अल्मोड़ा जनपद के देघाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्सिंग अधिकारी के पद पर कार्यरत थीं। गर्मियों की छुट्टी काटकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए श्री मति शशि सैनी पूरे परिवार के साथ रुड़की से सुबह पांच बजे देघाट के लिए रवाना हुए थें। मनेंद्र और शशि सैनी लगातार परिजनों के संपर्क में थें, दुर्घटना से पूर्व परिजनों से मोबाइल के माध्यम से बातचीत भी हुई, बातचीत के दौरान शशि सैनी ने बताया कि देघाट लगभग 18 किमी दूर रह गया है। लेकिन कुछ समय बाद जब मनेंद्र और शशि सैनी से संपर्क किया गया तो किसी ने फोन रिसीव नहीं किया। परिजन लगातार मनेंद्र और शशि को कॉल कर रहे थें। सैंकड़ों कॉल करने के बाद परिजन भी रुड़की से देघाट के लिए रवाना हो चुके, कई घंटो का सफर तय करने के बाद परिजन जब देघाट के आसपास पहुंचे तो मनेंद्र सैनी के पुत्र अर्णव से संपर्क हो पाया, अर्णव ने बताया कि हमारी कार खाई में गिर गई है। खाई में गिरने के बाद सभी कार से बाहर गिर गए। मनेंद्र सैनी लगातार दर्द करहा रहा था। वहीं बेटे अर्णव ने परिवार जनों को बचाने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन बचा नहीं पाया। घटना स्थल पर दूर दूर तक कोई भी व्यक्ति नजर नहीं आ रहा था, वहीं अर्णव, करहाते पिता से लिपट कर बेहोश हो गया, इसी दौरान मनेंद्र सैनी, शशि सैनी व उनकी पुत्री ने दम तोड़ दिया। वहीं 11 साल के मासूम अर्णव के सामने मां बाप और छोटी बहन की लाश पड़ी हुई थी। पूरी रात अर्णव सैनी अपने पिता मनेंद्र सैनी के शव से लिपटा रहा, जैसे हीं दिन निकला तो हिम्मत जुटा कर किसी तरह उपर आकर रास्ते पर पहुंचा, जहां पर मौजूद एक स्थानीय व्यक्ति को अर्णव ने खाई में कार गिरने की सूचना दी। उसके उपरांत पुलिस को सूचना दी गई, घंटो की मशक्कत के बाद एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय की मदद से तीनो शवो को बाहर निकाला गया। आज जब तीनो का शव रुड़की लाया गया तो क्षेत्र के लोगो का हुजूम लग गया। जिस किसी को भी घटना की सूचना मिली वो सहम गया। तीन चिताएं लगातार जलाई गई। क्या मंजर उस बेटे अर्णव के सामने रहा होगा? जिसमें अपनी आंखो से अपने पूरे परिवार को मौत के मुंह में समाते देखा हो। पता नहीं हंसते खेलते परिवार को किसकी नजर लग गई? मनेंद्र अपने पिता का अकेला बेटा था। लेकिन आज अपनी पत्नी और बेटी सहित इस संसार से अलविदा कह गया। इस घटना के बाद परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट गया तो वहीं क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

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