संस्कृत श्लोक/गीत प्रतियोगिता का आनलाइन आयोजन
पटना २०अगस्त । संस्कृत भाषा वैज्ञानिक एवं शुद्ध है। यह भाषा हमारी पहचान है। इस भाषा में अभिव्यक्ति गर्व का विषय है। इस भाषा में हमारी संस्कृति, संस्कार और सभ्यता सुरक्षित है। यह भाषा विश्व के लोगों को जोड़ने का काम करती है। यह भाषा विश्व कल्याण की कामना करती है। इस भाषा के ज्ञान के बिना भारत में निवास करने वाले का जीवन शून्य है। यह विचार आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज के महासचिव डॉ मुकेश कुमार ओझा ने पार्थ संस्कृत क्लासेज दिल्ली के स्थापना दिवस पर आयोजित एकल संस्कृत श्लोक/गीत प्रतियोगिता कार्यक्रम का आनलाइन उद्घाटन करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु भारत के सभी लोगों को आना होगा।पार्थ संस्कृत क्लासेज के संस्थापक एवं निदेशक ने कहा कि यह प्रतियोगिता नि: शुल्क एवं संस्कृत अनुरागियों के लिए आयोजित है। इस प्रतियोगिता में भारत के दिल्ली विश्वविद्यालय,, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय,हिन्दु विश्वविद्यालय वाराणसी, पटना विश्वविद्यालय,अनेक महाविद्यालयों तथा विद्यालयों के एक सौ आठ विद्यार्थियों ने भाग लिया। संस्कृत प्रतियोगिता के प्रति देखकर डॉ उमेश कुमार उपाध्याय एवं आचार्य विजय गुंजन दोनों निर्णायकों ने अति प्रसन्नता व्यक्त किए। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को पांच सौ रुपए, द्वितीय पुरस्कार के रूप में २५१ रुपए, तृतीय पुरस्कार के रूप में १५१रुपये तथा चतुर्थ एवं पंचम पुरस्कार के रूप में १०१रुपया दिया जाएगा। सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिया जाएगा। कोचिंग के शिक्षकों ने भी संस्कृत संभाषण शिविर की आवश्यकता पर बल दिया। धन्यवाद ज्ञापन आलोक चौहान ने किया�
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