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माता आरण्य देवी की तपोभूमि आरा हुआ साहित्यमय खूब जमे कवि खूब बजी तालियाँ :- राष्ट्रीय कवि प्रेमसागर पाण्डेय

माता आरण्य देवी की तपोभूमि आरा हुआ साहित्यमय खूब जमे कवि खूब बजी तालियाँ :- राष्ट्रीय कवि प्रेमसागर पाण्डेय

साहित्य सागर हौसलों की उड़ान के तत्वाधान में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसका आयोजन भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड के भीमपट्टी गाँव के रहने वाले राष्ट्रीय कवि प्रेमसागर पाण्डेय ने की।जिसमे वाणी पुत्र एवं पुत्री के रूप में ऐलेश अवस्थी आगरा, मोहन मुन्तज़िर नैनीताल,शुभम त्यागी मेरठ,प्रख्यात मिश्र लखनऊ,नीलोत्पल मृणाल दुमका,अंजना कुमार कानपुर,नंदनी आजमगढ़ी आजमगढ़, दुर्गेश दुर्लभ, मुकुंद मुरारी चंपारण,गिरीश सोनवाल राजस्थान से कवि सम्मेलन में शरीक हुए।सर्वप्रथम कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि माननीय अवधेश नारायण सिंह सभापति बिहार विधान परिषद,साथ ही श्री बृजेश कुमार मालवीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश (भोजपुर), श्री रंजीत कुमार सिंह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (भोजपुर), श्री रूबी तिवारी मेयर नगर निगम (आरा) ,श्री  संजय सिंह टाईगर प्रदेश प्रवक्ता भाजपा (बिहार),श्री राजेन्द्र तिवारी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य (बिहार) संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अवधेश नारायण सिंह ने बताया कि साहित्यिक धरती है आरा युवाओं में साहित्य के प्रति बढ़ते हुए रुचि को देखते हुए आज मन प्रसन्न है हमारे आने वाली पीढ़ी मैं साहित्यिक रुचि बढ़ रही है।इस आयोजन के लिए आरा के मिट्टी के लाल प्रेमसागर पाण्डेय जिन्होंने बहुत ही कम समय में एक प्रतिष्ठित मुकाम हासिल की,इस आयोजन के लिए बधाई के पात्र हैं और इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।वही जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बृजेश कुमार मालवीय ने बताया की साहित्य क्षेत्र में बहुत पहले से ही भोजपुर समृद्ध रहा है प्रादेशिक, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई साहित्य एवं कला प्रेमियों की जन्मस्थली रही है भोजपुर। भोजपुर पुलिस कप्तान श्री विनय तिवारी द्वारा लिखित पुस्तक *मैं कुछ लिखना चाहता हूं* का विमोचन पुलिस कप्तान श्री विनय तिवारी, न्यायाधीश श्री त्रिभुवन यादव, श्री निलोत्पल मृणाल,श्री संजय सिंह टाईगर, श्री राजेन्द्र तिवारी एवं कौशल विधार्थी के गरिमामय उपस्थिती में किया गया। अपने काव्य-पाठ से कवियों ने श्रोताओं को खूब आनंदित किया। काव्य-पाठ की शुरुआत आरा की धरती से जन्मे और इस कार्यक्रम के आयोजक राष्ट्रीय कवि प्रेमसागर पाण्डेय ने की अपनी ख्यातिलब्ध मुक्तक *इस धरती से जन्मे हम एक बिहारी हैं*  से की जिसे सुन श्रोताओं में तालियों की जनसैलाब उतर गई और जाते-जाते सुनाए की।कह दो समन्दरों से रखे गुरुर अपना साहिलों पर,आसमा कैसे सर झुकाते हैं ऐसा खुद को बना रहा हूँ।कार्यक्रम  व्यवस्थापक श्री राजेंद्र तिवारी एवं सौरभ पांडेय ने किया। कार्यक्रम का संचालन अमित कुमार सिंह ने किया।धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय कवि प्रेमसागर पाण्डेय ने किया।सम्बोधन में प्रेमसागर पाण्डेय ने बताया की यह कार्यक्रम हमारा एक ड्रीम प्रोजेक्ट था की आरा शहर के संपूर्ण प्रबुद्ध जनों को कुछ समय के लिए एक सात्विक माहौल में एक छत के नीचे बैठाया जाए।जो आज 6 साल बाद साकार हो रहा हैं और इसका श्रेय आरा के हर एक व्यक्ति को जाता हैं जिसने तन,मन और धन से से सहयोग कर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम को सफल बनाने वाले मे मनोरंजन तिवारी,शुभम पांडेय, नितेश दुबे,भूवन पाण्डेय,अक्षत पांडेय,अनूप सिंह,आदि का प्रमुख योगदान रहा।

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