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साहित्य को हर रोज नया मुकाम देते नजर आ रहे हैं आरा की धरती पर जन्मे राष्ट्रीय कवि प्रेमसागर पाण्डेय

साहित्य को हर रोज नया मुकाम देते नजर आ रहे हैं आरा की धरती पर जन्मे राष्ट्रीय कवि प्रेमसागर पाण्डेय

 


साहित्य को हर रोज नया मुकाम देते नजर आ रहे हैं आरा की धरती पर जन्मे राष्ट्रीय कवि प्रेमसागर पाण्डेय।बता दे कि 12 मई को साहित्य की सेवा के लिए अन्तः मन से लग्नशील कवि प्रेमसागर अपनी छोटी बहन का पारदुर्भाव दिवस को विशेष बनाने के लिए कवि सम्मेलन का आयोजन किये।जिसके आयोजन "राब्ता" बैनर तले "नित खैर मंगा" के नाम से हुआ।इस कार्यक्रम के आयोजनकर्ता कवि प्रेमसागर पाण्डेय जी ही थे जिसका संयोजन रिंकी सोनी ने की तथा संचालन नालिनी राज जी ने की।कार्यक्रम इतना सुपर डुपर हिट रहा कि अपनी तय सीमा को पार कर गया।कवि सम्मेलन में दिल्ली से ओज की कवयित्री नम्रता भाटाचार्य जी थी,माता आरण्य की तपोभूमि से राष्ट्रीय कवि प्रेमसागर पाण्डेय जी थे,हिंदी और अंग्रेजी की लेखिका अमरप्रीत कौर जी थी तथा कार्यक्रम के मुख्य स्तम्भ ख्यातिलब्ध रियाज इंडियन (कमेडियन) जी थे।नालिनी जी ने तो अपने संचालन में पूरी तरह स समा बांध कर रखी आखिरी तक,क्या संचालन की,गजब की।नम्रता भाटाचार्य ने तो ओज की कविता पढ़ एकदम मन्त्रमुग्ध कर दी सबकों और साथ ही साथ कवि जी के बहन स्वाति के लिए शानदार रचनायें पढ़ी।जब बात कवि प्रेमसागर की आई तो उन्होंने अपनी मुक्तक से ही शुभकामनाएं प्रेषित की और अपनी काव्य-पाठ से महफ़िल को जमा दी।शुभकामनाएं प्रेषित करने वालो में संस्था के संस्थापक शिवम झा,नालिनी राज जी,रिंकी सोनी,राज रौशन,आदि ।

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